यूसर्क द्वारा दिब्यांग बच्चों हेतु स्थापित प्रथम स्टेम लैब का उद्घाटन
यूसर्क द्वारा दिब्यांग बच्चों हेतु लर्निंग ट्री स्कूल अजबपुर में स्थापित प्रथम स्टैंम (STEM)- (साइंस, टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एवं मैथमेटिक्स) की प्रयोगशाला का उद्घाटन यूसर्क निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत द्वारा किया गया। प्रोफेसर अनीता रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा प्रदेश के दिव्यांग छात्रों को समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित करने एवं उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
यूसर्क द्वारा दिब्यांग बच्चों हेतु लर्निंग ट्री स्कूल अजबपुर में स्थापित प्रथम स्टैंम (STEM)- (साइंस, टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एवं मैथमेटिक्स) की प्रयोगशाला का उद्घाटन यूसर्क निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत द्वारा किया गया। प्रोफेसर अनीता रावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा प्रदेश के दिव्यांग छात्रों को समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित करने एवं उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूसर्क द्वारा छात्रों में वैज्ञानिक अभिवृत्ति के विकास, विज्ञान के प्रति आकर्षण पैदा करने तथा वैज्ञानिक समझ को विकसित करने हेतु संपूर्ण प्रदेश में 40 से अधिक स्टेम प्रयोगशालाओ की स्थापना की जा चुकी है, परंतु विकलांग बच्चों हेतु यूसर्क द्वारा यह पहली स्टेम लैब स्थापित की गई है।
लर्निंग ट्री विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती शिवानी कोटनाला ने यूसर्क का स्टेम लैब की स्थापना एवं दिव्यांग छात्रों हेतु विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन हेतु आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में यूसर्क वैज्ञानिक डा. ओम प्रकाश नौटियाल ने कहा कि हमारे ये दिव्यांग बच्चे निष्पाप एवं मन के सच्चे देव तुल्य हैं, इनके प्रति किया गया कोई भी कार्य ईश्वरीय कार्य होगा। उन्होंने कहा कि इन दिव्यांग बच्चों में हमें एक विशिष्ट प्रतिभा की पहचान कर उनको स्वाबलंबी बनाने हेतु प्रयास करने होंगे। उन्होंने यूसर्क द्वारा छात्रों हेतु विज्ञान शिक्षा व अनुसंधान के क्षेत्र में किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की भी चर्चा की स्पेक्स संस्था के संस्थापक व सचिव डा. बृज मोहन शर्मा ने बताया कि लर्निंग ट्री स्कूल में स्पेक्स व यूसर्क के सहयोग से दिव्यांग छात्र-छात्राओं हेतु पूर्व में भी कई प्रशिक्षण कार्यक्रमो का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें विभिन्न सामग्रियों यथा- साज सज्जा की सामग्रियों व राखियों को बनाने का प्रशिक्षण मुख्य है। कार्यक्रम में 50 से अधिक छात्रों, शिक्षकों, अभिवावकों तथा आम जन द्वारा प्रतिभाग किया गया।