सावन की शिवरात्रि पर कैसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न
बम भोले के जयकारों से उत्तराखंड का माहौल गुंजायमान है। शिव का प्रिय मास सावन की शिवरात्रि आज शनिवार को मनाई जा रही है। इसके लिए मंदिरों में पूजा रुद्री पाठ किए जा रहे हैं। देहरादून हरिद्वार व ऋषिकेश सहित पूरे राज्य में शिवभक्तों की धूम है। वहीं कांवड़ के जलाभिषेक के लिए भी अलग से मंदिरों में व्यवस्था बनाई गई है।
बम भोले के जयकारों से उत्तराखंड का माहौल गुंजायमान है। शिव का प्रिय मास सावन की शिवरात्रि आज शनिवार को मनाई जा रही है। इसके लिए मंदिरों में पूजा रुद्री पाठ किए जा रहे हैं। देहरादून हरिद्वार व ऋषिकेश सहित पूरे राज्य में शिवभक्तों की धूम है। वहीं कांवड़ के जलाभिषेक के लिए भी अलग से मंदिरों में व्यवस्था बनाई गई है।
बम भोले के जयकारों से उत्तराखंड का माहौल गुंजायमान है शिव भगवान का पीर्य महीना सावन की शिवरात्रि आज शनिवार को मनाई जा रही है इसके लिए मंदिरों में पूजा रुद्री पाठ किए जा रहे हैं। हरियाणा राजस्थान देहरादून हरिद्वार में ऋषिकेश से पूरे राज्यों में शिव भक्तों की धूम है वही आज कावड़ के जिला अभिषेक के लिए भी अलग से मंदिर में व्यवस्था बनाई गई है।
आज सुबह से शिवालय मैं भक्तों का तांता लगा हुआ है बम बम भोले के जयकारों से पूरा भारत गूंज रहा है।
कावड़ के जलाभिषेक के लिए भी अलग से मंदिरों में व्यवस्था बनाई गई है।
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सावन मास के महाशिवरात्रि पर जिला विषय के लिए बड़ी संख्या में हरिद्वार में श्रद्धालु शिव मंदिर पहुंच रहे हैं कनखल महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए रात से ही लाइन लगी हुई है अपनी बारी का सब इंतजार कर रहे हैं मंदिर के पुजारी वह शास्त्री ने बताया कि जिला अभिषेक का पुण्य काल रविवार सुबह तक है चारों तरफ हर हर महादेव का जयघोष हो रहा है और श्रद्धालु बारी-बारी कर दक्षेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर रहे हैं।
15 जुलाई को सुबह सूर्योदय करीब 2 घंटे 24 मिनट तक यानी 5 बजकर 33 मिनट से 7 बजकर 57 मिनट तक का समय शिवजी का जलाभिषेक करने के लिए उत्तम रहेगा। इसके बाद 15 जुलाई को शाम में प्रदोष काल में 7 बजकर 30 से 9 बजकर 32 मिनट तक रात में 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट पर निशीथ काल में।
आज 16 जुलाई को भी अभिषेक कर सकते हैं। 16 जुलाई को सुबह 5 बजकर 38 मिनट से 8 बजकर 22 मिनट तक शाम में प्रदोष काल में 7 बजकर 29 मिनट से 9 बजकर 31 मिनट तक। जानकारी के लिए बता दें कि 15 जुलाई को पुरे दिन शिव जी का अभिषेक किया जा सकता है लेकिन यह जो मुहूर्त बताया गया है वह सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है।
शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करने का विशेष महत्व है। शिवलिंग पर पंचामृत से रुद्राभिषेक करें और इसके बाद बेलपत्र, धतूरा, चंदन, भांग, अक्षत और पुष्प आदि अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाएं और शिव चालीसा और भगवान शिव की आरती करें।