वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के द्वारा इन्वेस्टर समिट पर सवाल उठाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की
वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के द्वारा इन्वेस्टर समिट पर सवाल उठाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से उत्तराखंड की विरोधी रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लगातार राज्य के समावेशी विकास की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा दिए गए विजन 2025 का दशक उत्तराखंड का होगा, को लेकर कार्य किया जा रहा है। कहा कि इस दिशा में राज्य सरकार के साथ प्रत्येक उत्तराखंडी पूरे मनोयोग से कार्य कर रहा है।
वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के द्वारा इन्वेस्टर समिट पर सवाल उठाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से उत्तराखंड की विरोधी रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लगातार राज्य के समावेशी विकास की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा दिए गए विजन 2025 का दशक उत्तराखंड का होगा, को लेकर कार्य किया जा रहा है। कहा कि इस दिशा में राज्य सरकार के साथ प्रत्येक उत्तराखंडी पूरे मनोयोग से कार्य कर रहा है।
मंत्री डा. अग्रवाल ने कांग्रेस से पूछा कि इन्वेस्टर समिट से आखिर परेशानी क्यों हो रही है। कहा कि लगातार सरकार के लोकप्रिय और ठोस फैसले से कांग्रेस बैचेन है। माहरा के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने इन्वेस्टर समिट से पहले राज्य में लैंडबैंक तैयार किया है। मुख्यमंत्री निवेश को लेकर स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे है। छोटी हो या बड़ी कंपनी, स्वदेशी हो या विदेशी, सभी को इन्वेस्टर समिट में आमंत्रित किया जा रहा है।
डा. अग्रवाल ने कहा कि भारतीय कंपनियां विदेशों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। यदि भारतीय कंपनियां राज्य सरकार के विदेशी दौरे में अपना प्रस्ताव देती हैं, तो कांग्रेस को क्यों परेशानी हो रही है। डा. अग्रवाल ने बताया कि मैकिन्ज़े ग्लोबल कंसलटिंग फर्म को अगले पांच वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने के उद्देश्य से नियुक्त किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, राज्य को इस वित्तीय वर्ष में 25000 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 22-23 का दोगुनाः 12000 करोड़ रुपये) का न्यूनतम निवेश प्राप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने का कि यह उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 23 का न्यूनतम ग्राउंडिंग लक्ष्य है। वास्तविक रूप में यह ज्यादा होगा। अब तक, राज्य ने अपनी सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से 10000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
डा. अग्रवाल ने बताया कि मैकिन्ज़े के माध्यम से, सरकार ने अपनी नीतियों में सुधार किया है और राज्य को इसका लाभ मिल रहा है। बताया कि अपने कार्यकाल के आरम्भिक 6 महीनों में, फर्म ने हितधारकों से परामर्श, प्रत्येक सेक्टर का विश्लेषण तथा अपने निवेश के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए रणनीतियाँ और नीतियां विकसित की हैं।
डा. अग्रवाल ने कहा कि यह हमारी संशोधित नीतियों और अनुकूल वातावरण का ही परिणाम है कि अब तक केवल एक रोड शो (लंदन) से राज्य ने 12000, जबकि दिल्ली से 8000 करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू और निवेश प्रस्ताव हासिल किये हैं। कहा कि किसी भी राज्य ने कभी भी इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की बात नहीं की।
डा. अग्रवाल ने कहा कि यह हमारी प्रतिबद्धता और विश्वास है कि हम न केवल एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। बल्कि मुख्य कार्यक्रम से पहले 10 एमओयू को धरातल पर लाएंगे। कहा कि हमने अपने निवेश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत अच्छी तैयारी की है। हमने न केवल नीतियों में सुधार किया है बल्कि 6000 एकड़ से अधिक का भूमि बैंक और 200 से अधिक निवेश योग्य परियोजनाएं भी तैयार की हैं।