झंडेजी का हुआ आरोहण, साक्षी बने लाखों श्रद्धालु
गुरु राम राय दरबार साहिब परिसर मेें ऐतिहासिक झंडा मेला शनिवार को झंडेजी जी के आरोहण के साथ शुरू हो गया। उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों व विदेश से पहुंचे हजारों श्रद्धालु इस अविस्मरणीय क्षण के साक्षी बने।
गुरु राम राय दरबार साहिब परिसर मेें ऐतिहासिक झंडा मेला शनिवार को झंडेजी जी के आरोहण के साथ शुरू हो गया। उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों व विदेश से पहुंचे हजारों श्रद्धालु इस अविस्मरणीय क्षण के साक्षी बने।
बाहर से आई कुछ संगतें श्रीझंडे जी का आरोहण संपन्न होने के बाद शाम को ही दरबार साहिब में माथा टेक अपने शहरों के लिए रवाना होंगी। सोमवार को दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में नगर परिक्रमा निकाली जाएगी। इसके लिए श्री दरबार साहिब, श्रीझंडा जी मेला आयोजन समिति ने तैयारी पूरी कर ली है।
झंडा मेला व वीकेंड पर शहर जाम, हर तरफ वाहनों की कतार
झंडा मेला व वीकेंड को लेकर शनिवार को सुबह ही शहर जाम हो गया। जगह-जगह वाहनों की कतारें लग गई, जिसके कारण वाहन चालकों को एक चौराहे से दूसरे चौराहे तक पहुंचने में आधा से पौने घंटे का समय लग गया।
झंडा मेले को लेकर बाहरी राज्यों से भारी संख्या में संगत देहरादून पहुंची हैं। इसके साथ ही तीन दिन की छुट्टी होने के चलते पर्यटक मसूरी व ऋषिकेश की तरफ आ रहे हैं, जिसके कारण शनिवार को सुबह से ही शहर में जाम की स्थिति बन गई। दूसरी ओर शहर में जगह-जगह खोदाई होने के चलते और भी स्थिति विकराल हो गई।
निरंजनपुर सब्जी मंडी चौक के आसपास अवैध तरीके से सड़क किनारे लगी रेहड़ी व वाहनों के चलते सुबह ही जाम की स्थिति बन गई। पुलिस निरंजनपुर सब्जी मंडी में तैनात रही, लेकिन पीछे से लगे जाम को हटाने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसके कारण आइएसबीटी तक वाहनों की लंबी कतार लग गई।
सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हरराय के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय महाराज ने वर्ष 1676 में दून में डेरा डाला था। उन्हें ही देहरादून का संस्थापक माना जाता है। उनका जन्म वर्ष 1646 में पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतपुर में होली के पांचवें दिन (चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी को) हुआ था। इसीलिए दरबार साहिब में हर साल इस दिन झंडेजी के आरोहण के साथ मेला लगता है। श्री गुरु राम राय ने ही लोक कल्याण के लिए यहां विशाल ध्वज (झंडेजी) को स्थापित किया था।