खनसर क्षेत्र से जल्द जुड़ेगी पिंडर घाटी मात्र चार किमी सड़क का निर्माण रह गया शेष
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराणीसैण - गैरसैंण के लिए अन्य क्षेत्रों से यातायात सुविधा से जोड़ने के तहत लंबे समय से गैरसैंण की खनसर घाटी एवं पिंडर घाटी के 75 प्रतिशत से अधिक आवादी को सीधे सड़क सुविधा से जोड़ने वाली प्रस्तावित विनायकधार -कस्बीनगर (थराली)) मोटर सड़क निर्माण के निर्माण की योजना को एक बार फिर से पंख लगने लगें हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो गैरसैंण और पिंडर घाटी के बीच की भौगोलिक दूरी बेहद कम हो जायेगी।
- उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराणीसैण – गैरसैंण के लिए अन्य क्षेत्रों से यातायात सुविधा से जोड़ने के तहत लंबे समय से गैरसैंण की खनसर घाटी एवं पिंडर घाटी के 75 प्रतिशत से अधिक आवादी को सीधे सड़क सुविधा से जोड़ने वाली प्रस्तावित विनायकधार -कस्बीनगर (थराली)) मोटर सड़क निर्माण के निर्माण की योजना को एक बार फिर से पंख लगने लगें हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो गैरसैंण और पिंडर घाटी के बीच की भौगोलिक दूरी बेहद कम हो जायेगी।
दरअसल पिछले पांच दशक से विनायकधार-कस्बीनगर मोटर सड़क के निर्माण की मांग गैरसैंण एवं पिंडर घाटी के लोग उठाते आ रहें हैं। दोनों घाटियों को जोड़ने के लिए मात्र साढ़े चार किमी ही सड़क बननी अवशेष है। इस सड़क का निर्माण पूरा हो जाने के बाद पिंडर घाटी के एक बड़े हिस्से को नारायणबगड़,सिमली होते हुए गैरसैंण नही जाना पड़ेगा, बल्कि कस्बीनगर से खनसर होते हुए सीधे गैरसैंण पहुंचा जा सकता हैं। इससे दोनों क्षेत्रों की दूरी काफी कम हो जाएगी। साढ़े चार किमी सड़क के लिए दोनों ही घाटी के लोग लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं। इसके लिए कई बार आंदोलन तक हो चुकें हैं। सड़क निर्माण में देरी की वजह वन विभाग की भूमि हस्तांतरण को लेकर लगातार की जा रही आपत्ति प्रमुख कारण बना हुआ हैं। इस सड़क का निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए लोनिवि गैरसैंण ने पिछले दिनों से अचानक सक्रियता बढ़ा दी हैं। विभाग ने सड़क की वन भूमि हस्तांतरण की पत्रावली तैयार कर वन विभाग को सौंप दी है। इस तेजी का प्रमुख कारण पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट सतीश लखेड़ा के राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात के दौरान इस सड़क का मुद्दा उठाया जाना माना जा रहा हैं। बद्रीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के तहत पिंडर रेंज थराली के रेंज आफिसर हरीश थपलियाल ने सड़क के लिए भूमि हस्तांतरण की पत्रावली वन विभाग को मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि पत्रावली में उन्होंने हस्ताक्षर कर अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दिए है।
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रोटी बेटी का रिश्ता होगा मजबूत
विनायकधार -कस्बीनगर सड़क बनने से खनसर एवं पिंडर घाटी के लोगों के बीच रोटी,बेटी का रिश्ता और मजबूत होगा। दरअसल थराली एवं नारायणबगड़ विकासखंडों के ऊपरी हिस्सों के ग्रामीणों की काफी अधिक रिश्तेदारी खनसर क्षेत्र के गांवों से हैं। सीधी सड़क ना होने के कारण भौतिक सुविधाओं के आलस्यपन के चलते इन नाते रिश्तेदार में पिछले कुछ समय से कमी आती जा रही हैं। दोनों क्षेत्रों के लोगों को या तो 4-5 किमी जंगलों के बीच हो कर गुजरना पड़ता है।अथवा 100 से 150 किमी की यात्रा कर नारायणबगड़,सिमली होते हुए कर्णप्रयाग-नैनीताल राष्ट्रीय राजमार्ग से होते हुए गैरसैंण पहुंचना पड़ता हैं। थराली के अधिवक्ता रमेश थपलियाल ने कहना हैं कि इस बहुप्रतीक्षित सड़क का दोनों क्षेत्रों के लोगों को तो भारी लाभ मिलेगा ही।यह सड़क सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो सकती हैं। इसके अलावा पिंडर घाटी के लोगों के लिए हल्द्वानी, ऋषिकेश के साथ ही रामनगर मंडी के द्वारा खुल जाएंगे।
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खनसर के लिए वरदान सिद्ध होगा मार्ग : टम्टा
थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा का कहना हैं कि पिंडर एवं खनसर के चहुंमुखी विकास के लिए विनायकधार -कस्बीनगर सड़क बेहद जरूरी हैं वें भी इस सड़क के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसके अलावा वें अपनी थराली विधानसभा के नंदानगर घाट को सीधे पिंडर घाटी से जोड़ने के लिए थराली -घाट,सणकोट -घाट,वांण -घाट सड़कों के निर्माण के लिए भी प्रयासरत हैं। इन प्रयासों के सफल होने पर विकास, पर्यटन, रोजगार के कई नए द्वार खुल जाएंगे।